"वो न समय का गुलाम है, न मृत्यु का शिकार वो है अग्निपुत्र अर्जुन जिसका जन्म हुआ है केवल विनाश को रोकने के लिए!" सदियों पहले जब देवताओं और असुरों का महासंग्राम हुआ था, तब धरती पर भेजा गया था एक आखिरी अस्त्र अर्जुन, अग्नि से गढ़ा गया एक अमर योद्धा। उसने असुरों की सेनाओं को जलाकर राख कर दिया था, लेकिन जीत के साथ ही उसे मिला श्राप "जब तक अंधकार फिर से धरती को डसने न लगे। तब तक तू यादों के बिना, इंसानों के बीच खोया रहेगा।" अब कलियुग की हदें पार हो चुकी हैं। निशाचर असुरों का नया सम्राट मानव सभ्यता को नष्ट करने लौटा है। उसकी शक्ति विज्ञान से परे है और उसके पास है एक शून्य मंत्र, जो समय को मिटा सकता है। लेकिन जैसे ही अंधकार फैलता है। एक आग फिर से जलती है। एक युवक जिसे आग छू नहीं सकती। जिसके सपनों में राख बोलती है। जिसे याद नहीं कि वो कौन है। लेकिन उसकी रगों में दौड़ती है युद्ध की पुकार। वो है अर्जुन अग्निपुत्र अर्जुन और अब उसे याद आना होगा कि वो कौन था। वरना सब कुछ खत्म हो जाएगा। यह कहानी नहीं एक महायुद्ध की भविष्यवाणी है। हर एपिसोड एक झटका है। हर आवाज़ एक चेतावनी। हर मोड़ पर छिपा है वो सच, जो धरती की किस्मत तय करेगा। सुनिए "एक ऐसी "Fire Blood Arjun" कहानी जो सिर्फ सुनाई नहीं देती है, महसूस होती है।
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